एक बार एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, उसके बाद उसके शरीर को दाह संस्कार करने के लिए उसके परिवार वाले लेकर जाते हैं और वहां पर एक व्यक्ति आ जाता है और पार्थिव शरीर को पकड़कर कहता है कि जब तक मेरे पैसे नहीं मिल जाती मैं इनका अंतिम संस्कार नहीं करने दूंगा| क्योंकि मरने वाले ने मुझसे 1000000 रुपए कर्ज लिया है और जब तक वह मुझे वापिस नहीं करते| मैं इनका अंतिम संस्कार नहीं करने दूंगा यह सुनकर मरने वाले व्यक्ति के लड़कों ने कहा की इस बारे में मेरे पिताजी ने मुझे कभी नहीं बताया| इसलिए मैं तुम्हें पैसे नहीं दे सकता| यह बात मरने वाले व्यक्ति के घर तक पहुंची और महिलाओं को भी पता चला| उसके घर में एक बेटी थी| उसने कहा कि मेरे पास जो भी पैसे हैं और जेवर है यह सारे ले लो लेकिन मेरे पिताजी का अंतिम संस्कार होने दीजिए इसके बाद भी आपकी जो भी पैसे हैं| मैं चुका दूंगी| जब तक मैं जीवित रहूंगी आपके पैसे आपको चुकाती रहूंगी| जैसे ही यह बात उस व्यक्ति ने सुनी जो अंतिम संस्कार नहीं होने देना चाहता था उसने कहा कि दरअसल बात कुछ और ही है मरने वाले ने मुझसे ₹1000000 कर्ज नहीं लिया बल्कि मैंने इन से कर्ज लिया है और मुझे मालूम नहीं था कि इनका बारिश कौन है जिससे कि मैं इनके पैसे वापस कर सकूं और आज मुझे पता चल गया है कि इनका बारिश इनकी बेटी है ना कि इन के बेटे| यह सारी बात वहां पर खड़े बेटे सुन रहे थे और उनका चेहरा शर्म से झुक गया खुशनसीब होते हैं वह लोग जिनके घर में बेटियां होती हैं बेटियां कभी बोझ नहीं होती बेटियां कभी भी अपने मां-बाप की आंखों में आंसू नहीं देख सकती यहां पर यह कहने का बिलकुल मतलब नहीं है कि बेटे खराब होते हैं कुछ बेटे भी अच्छे होते हैं और वह मां बाप की सेवा करते हैं और उन्हें खुश रखते हैं हमें बेटे और बेटियों को एक समझना चाहिए जो काम बेटे कर सकते हैं वह काम बेटियां भी कर सकती हैं बल्कि बेटियां कुछ ज्यादा ही कर सकती हैं जब भी बेटे अपने मां बाप को दुख पहुंचाते हैं तो बेटियां ही उनका सहारा बनती है बेटियां अपनी किस्मत लेकर आती है आज देखा गया है कि यदि किसी के घर में 7 बेटे हैं और एक बेटी है तो एक बेटी की शादी हो जाती है और 7 बेटो की शादी नहीं हो पाती क्योंकि बेटियां अपनी किस्मत खुद लेकर आती है बेटियां दुर्गा और लक्ष्मी का रूप होती है आजकल लोग लक्ष्मी रूपी बहू को लेना तो पसंद करते हैं क्योंकि उनके साथ धन दौलत व दहेज़ आता है लेकिन लक्ष्मी रूबी बेटी को लेना पसंद नहीं करते क्योंकि जब बेटी की शादी होती है तो उनको दहेज़ देना पड़ता है आज कई जगह पर बेटियों को नहीं पढ़ाया जाता बेटों को पढ़ाया जाता है लेकिन फिर भी बेटियां पढ़ कर बहुत आगे निकल जाती है और आज बेटियां ऊंचे ऊंचे पदों पर हैं बेटियां अपने मां बाप का नाम रोशन करती है मेरा यहां पर यह कहने का बिल्कुल मतलब नहीं है कि सभी बैठे खराब होते हैं कुछ बेटी भी अच्छे होते हैं और अच्छे लोग हमेशा अच्छे ही कहलाते हैं चाहे वह बेटियां हो या फिर बेटे.......
"बेटी बचाइये , बेटी को समझिये"