ज्ञान की बातें सुनने से या किताब में पढ़ने से कुछ नहीं होता जब तक कि हम उसे अपने जीवन में अमल ना करें इसे हम एक
कहानी के माध्यम से समझते हैं
मारने लगा उसने कहा राजन् मुझे मत मारो मैं आपको ज्ञान की चार बातें बताऊंगी राजा ने कहा जल्दी बताओ चिड़िया बोली
हाथ में आए शत्रु को कभी मत छोड़ो दूसरी बात यह है असंभव बात पर भूलकर भी विश्वास मत करो और तीसरी यह है कि बीती
बातों पर कभी पश्चताप मत करो राजा ने कहा अब चौथी बाद भी जल्दी बता दो चौथी बात रहस्यमई है मुझे जरा ढीला छोड़ दें
क्योंकि मेरा दम घुट रहा है जैसे ही राजा ने अपना हाथ ढीला किया चिड़ियां उठकर एक डाल पर बैठ गई और बोली मेरे पेट में
दो हीरे हैं यह सुनकर राजा और चिंता में डूब गया चिड़िया बोली ज्ञान की बात सुनने से कुछ नहीं होता अमल करने से होता है मैं
आपकी शत्रु थी फिर भी आप से मुझे छोड़ दिया मैंने यह असंभव बात कही कि मेरे पेट में दो हीरे हैं फिर भी आपने भरोसा कर
लिया आपके हाथ में वह काल्पनिक हीरे नहीं आए तो आप पछताने लगे
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ज्ञान की बात सुनने से कुछ नहीं होता अमल करने से होता है
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